राजनांदगांव– लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण और अवैध खनन के चलते उच्च न्यायालय ने लाल ईंट के व्यापारिक निर्माण पर प्रतिबंध लगा रखा है. राज्य शासन ने उच्च न्यायालय के निर्देश अनुसार लाल ईंट निर्माणकर्ता और व्यापारियों पर दंडात्मक कार्रवाई के लिए जिला खनिज विभाग को निर्देशित किया है. लेकिन राजनांदगांव जिले का खनिज विभाग इस निर्देश के प्रति सजग नहीं दिख रहा है. जिला खनिज विभाग की अनदेखी के चलते जिला मुख्यालय के डोंगरगढ़ विकासखंड के ग्राम पंचायत अछोली, अंडी , बरनारा,मेढ़ा, रेंगाकठेरा,मुड़पार,कलकसा,संडीडीह,लतमर्रा आदि में लाल ईट भट्टे सा संचालन किया जा रहा है।इन ईट भट्टो में चोरी की बिजली का उपयोग करने के अलावा आसपास हरे वृक्षों की कटाई कर जलाया जा रहा है,प्रतिबंधित लाल ईट बनाने का कारोबार को रोकने में सरकारी अमला नाकाम नजर आ रहा है ।
अवैध ईंट भट्ठों से पर्यावरण को हो रहा नुकसान
अवैध ईट भट्ठों से न सिर्फ पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है बल्कि राजस्व एवं जंगल की लकड़ी, पानी, मिट्टी, चोरी की बिजली का जमकर इस्तेमाल जमकर किया जा रहा है। इसके कारण लगातार भू जल स्तर गिरता जा रहा है। तहसील क्षेत्र के अधिकतर गांवों में अवैध ईंट भट्टों का संचालन जोरो पर है जिन पर किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नही होने से अवैध ईंट भट्ठा संचालकों के हौसले बुलंद है। राजस्व और खनिज विभाग की उदासीनता के चलते क्षेत्र में बेखौफ ईंट भट्टों की संख्या बढ़ती जा रही है।
अधिक मुनाफा के चलते अवैध करोबार
ईंट के व्यपारियों से जुड़े लोगों का मानना है कि ईंट के व्यवसाय में काफी मुनाफा है यही कारण है कि सारे नियम कानून को ताक पर रख कर अवैध ईंट का भट्ठा संचालित किया जा रहा है। अवैध ईंट भट्ठों के चलते शासन को राजस्व नुकसान हो रहा है। भट्ठा संचालक ज्यादा कमाई के लिए सभी नियमों को ताक पर रखने से भी परहेज नही कर रहे है और खनिज विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों को यह नजर नहीं आ रहा है कि जब ईंट बनाने की अनुमति ही नहीं है फिर ये ईंटें कहां से और कैसे आ रही हैं यह जानने की फुरसत संबंधित विभागों को नहीं हैं।
कार्रवाई नही होने से संचालकों के हौसले बुलंद
वैध ईट भट्ठा संचालकों के खिलाफ कार्रवाई के अभाव में इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। इससे पर्यावरण तो प्रदूषित हो ही रहा है साथ ही राजस्व का भी नुकसान हो रहा है। ये लोग बड़े पैमाने पर ईंट का निर्माण कर शासकीय व निजी जमीन के खनन करने में लगे हुए हैं। मगर कार्रवाई नहीं होने से अवैध कारोबार फल-फुल रहा है।
