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बर्खास्त ट्रेनी IAS पूजा खेडकर को झटका, दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका

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puja khedkar

Image Source : FILE PHOTO
पूजा खेडकर

यूपीएससी धोखाधड़ी मामले में आरोपी पूर्व आइएएस प्रशिक्षु पूजा खेड़कर की अग्रिम जमानत याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। जस्टिस चंद्र धारी सिंह की पीठ ने कहा कि पूजा खेड़कर ने साजिश रची है और देश की छवि को नुकसान पहुंचाया है। कोर्ट ने पूजा खेडकर को पूर्व में दी गई गिरफ्तारी पर अंतरिम सुरक्षा को भी हटा दिया। अगस्त माह में पूजा को गिरफ्तारी पर अंतरिम सुरक्षा दी थी।

न्यायमूर्ति चंद्र धारी सिंह ने खेडकर की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि मामले की जांच में संलिप्तता और साजिश के स्पष्ट संकेत हैं, जिसके कारण अग्रिम जमानत का आदेश नहीं दिया जा सकता। न्यायमूर्ति सिंह ने कहा, “अग्रिम जमानत याचिका खारिज की जाती है। गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण रद्द किया जाता है।” अदालत ने खेडकर के खिलाफ प्रथम दृष्टया मजबूत मामला होने की बात स्वीकार की और कहा कि इस मामले में साजिश का खुलासा करने के लिए जांच की आवश्यकता है। अदालत ने यह भी कहा कि यह मामला न केवल संवैधानिक संस्था (यूपीएससी) के साथ धोखाधड़ी का है, बल्कि समाज के प्रति भी धोखाधड़ी का मामला बनता है।

पूजा खेडकर ​पर आरोप

पूर्व आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने 2022 में आयोजित यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने के लिए गलत जानकारी दी। इसके माध्यम से उन्होंने ओबीसी और दिव्यांग कोटे का अनुचित लाभ उठाने का प्रयास किया। आरोप है कि खेडकर ने अपने आवेदन में फर्जी जानकारी दी, जिसके आधार पर उन्हें सिविल सेवा परीक्षा में सम्मिलित होने का मौका मिला।

यूपीएससी और दिल्ली पुलिस का विरोध

इस मामले में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) और दिल्ली पुलिस ने खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया। यूपीएससी का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता नरेश कौशिक और वकील वर्धमान कौशिक ने किया। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की है, जिसमें पूजा खेडकर पर सिविल सेवा परीक्षा में फर्जी तरीके से शामिल होने और आरक्षण का गलत लाभ उठाने का आरोप है।

यूपीएससी द्वारा जुलाई 2024 में खेडकर के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई थी, जिसके तहत उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया था। पुलिस का आरोप है कि खेडकर ने सिविल सेवा परीक्षा में आवेदन करते समय अपनी पहचान छुपाई और गलत जानकारी प्रदान की, ताकि वे ओबीसी और दिव्यांग कोटे का लाभ उठा सकें। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में जांच तेज कर दी है और अब इस मामले में कार्रवाई करने के लिए अदालत के निर्देश का पालन किया जा रहा है। (भाषा इनपुट के साथ)

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